भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में वृद्धि हो रही है, खासकर शहरी क्षेत्रों में। इसकी मुख्य वजह गलत खानपान, व्यायाम की कमी, और आनुवंशिक कारणों को माना जाता है। ब्रेस्ट कैंसर के लिए शुरुआती लक्षणों में ब्रेस्ट में गांठ, त्वचा में बदलाव, और निपल से असामान्य द्रव का बहाव शामिल है।
भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में देरी से निदान के कारण मृत्यु दर अधिक है। महिलाएं अक्सर इन लक्षणों को नजरअंदाज कर देती हैं, या समाज में इस पर बात करने में संकोच करती हैं, जिससे इलाज में देरी होती है। अगर ब्रेस्ट कैंसर का समय पर इलाज किया जाए तो इसके ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।
ब्रेस्ट कैंसर का मानसिक और सामाजिक प्रभाव भी बहुत गहरा होता है, क्योंकि महिलाएं इसके इलाज के दौरान मानसिक रूप से संघर्ष करती हैं। इसके अलावा, परिवारों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ता है, क्योंकि इलाज महंगा और लंबा हो सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए नियमित स्क्रीनिंग और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए ताकि वे जल्दी निदान करा सकें।
Comments