कोलन कैंसर भारत में बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्या बन गई है। विशेष रूप से शहरी इलाकों में जहां लोग पश्चिमी शैली की जीवनशैली अपना रहे हैं, वहाँ इस कैंसर के मामले ज्यादा बढ़ रहे हैं। इसके प्रमुख कारणों में खराब आहार, कम फाइबर वाला आहार, और शारीरिक सक्रियता की कमी शामिल हैं।
कोलन कैंसर के लक्षणों में पेट में दर्द, रक्तस्राव, वजन घटना और उल्टी शामिल हैं। शुरुआती अवस्था में ये लक्षण सामान्य बीमारियों के जैसे होते हैं, इसलिए लोग इसे हल्के में ले लेते हैं और इलाज में देरी हो जाती है। कोलन कैंसर का समय पर निदान और इलाज करने पर मरीज की जिंदगियों की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
कोलन कैंसर के कारण व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इलाज महंगा होता है और इस पर परिवार को भी बहुत खर्चा आ सकता है। इसके साथ-साथ मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है क्योंकि यह बीमारी रोगी की शारीरिक स्थिति पर गहरा असर डालती है।
कोलन कैंसर से बचाव के लिए एक स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और सही जीवनशैली अपनानी चाहिए। इसके अलावा, आंतों का नियमित जांच भी जरूरी है ताकि कैंसर का जल्दी पता लगाया जा सके।
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